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एक्टिंग के किंग इरफ़ान खान हमारे बीच नही रहे
यस ये कोई अफवाह नही है बिलकुल सच न्यूज़ है मैंने जब एक फ्रेंड का मैसेज देखा आज के बॉलीवुड के कलाकार इर्र्फान खान हमारे बीच नही रहे उनका निधन हो चूका है। तो मुझे भी शौक लगा था मैंने जल्दी मोबाइल में गूगल कर के देखा तो ये न्यूज़ सही निकली बहोत दुःख हुआ इतना बेहतरीन कलाकार एक रियल एक्टर हमारे ये दुनिआ छोर के जा चूका है। लॉक डाउन होने ठीक पहले ही इर्र्फान खान की मूवी आई थी अंग्रेजी मीडियम वो उनकी लास्ट मूवी थी तो उनको सर्धांजलि देते हुवे हम उनके जीवन के सफर के बारे में कुछ बात करेंगे।
इर्र्फान खान का पूरा नाम है इरफ़ान साहबज़ादे अली खान है ।उनका जन्म 7 जनवरी 1967 में राजस्थान के टोंग जिले में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके माता पिता टोंक जिले के पास खजुरिया गाँव में रहते थे उनके पिता का नाम यासीन अली खान और माता का नाम सईदा बेगम था उनके पिता का टायर का कारोबार हुआ करता था।
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बहोत काम लोग जानते होंगे इर्र्फान खान को क्रिकेट का बहोत शौक था वो क्रिकेटर ही बना चाहते थे और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका सेलक्शन भी हुआ था जब उनकी उम्र 23 साल की थी परन्तु उनके पास इतने पैसे नही थे के वो टूर्नामेंट में भाग ले सके इस लिए इस वजह से क्रिकेट से उनका क्रिकेटर बनने का सपना वही खत्म हो गया।
बाद में इर्र्फान पठान ने नाटक करना सुरु कर दिया दिल्ली में 1984 में उन्होंने दिल्ली की ड्रामा ऑफ़ स्कूल से छात्रवर्ती हासिल की।
मीरा नायर की शानदार फिल्म सलाम बॉम्बे उनकी पहली फिल्म थी और इस फिल्म की critic और ओडिन्स दोनों ने बहोत पसंद किया इर्र्फान खान की तारीफ होने लगी इसके बाद उन्होंने बहोत सी फिल्मे की और अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया जब वो परदे पर होते थे लीड एक्टर की चमक फीकी पड़ जाती थी उनकी एक्टिंग में वो कमाल था।
2004 में आई मूवी Haasil मूवी के लिए उन्हे बेस्ट एक्टर इन नेगेटिव रोल कटगरी में बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला बाद में 2010 के साल में उनको International Indian Film academy Awards भी हासिल कर लिया बस फिर 2012 में ही उन्हें Padma Shri पुरुस्कार से भी नवाजा जा चूका था एक साल बाद ही नेशनल अवार्ड भी उनको मिल गया. फिल्म पान सिंह तोमर के लिए और भी बहोत से अवार्ड मिले उनको इस फिल्म के लिए और बॉलीवुड में उनका कद भी बड चूका था मदारी, लंच बॉक्स, हैदर, पीकू, तलवार, हिंदी मीडियम जैसी फिल्मो से लोगो का मनोरंजन करते रहे और उनका काम भी हम सब बहोत पसंद करते थे।
इर्र्फान खान जितने बेहतरीन एक्टर थे उतने ही अच्छे इंसान भी थे बॉलीवुड कंटेवेर्सी से उन्होंने कभी पब्लिसिटी लेने की कोसिस नही की कबि कोई विवाद में नही रहे हाँ उन्होंने एक बार बकरा ईद पर क़ुरबानी देने पर कमेंट किया था जो मुस्लिम समुदाय को पसंद नही आया था।
कम लोगो को ही पता होगा इर्र्फान खान शुद्ध शाकाहारी थे इस लिए उनको बकरे की क़ुरबानी देना सही नही लगता था इसके खिलाफ थे वो इसी वजह से उनके पिताजी मज़ाक में कहा करते थे के ये तो पठान परिवार में एक ब्राह्मण पैदा हो गया है वो मास मटन से दूर रहना पसंद करते थे।
इरफ़ान के पिता की मौत के बाद उन्हें घर से मिलने वाले पैसे बंद हो गए थे वो काफी बुरा वक़्त था उनका इस बुरे वक़्त में उनकी गर्लफ्रेंड सुतापा सिकंदर ने बहोत साथ दिया था आगे चल कर 1995 में दोनों ने शादी कर ली थी जो आज भी उनकी वाइफ है।
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